गजल-जीतु खड्का गाउले
सहमती गरेकै हौ हैन बाजी हारेको त
जनयुद्द लडेकै हौ छैन मान्छे मारेको त |१|
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बन्छ हेर संबिधान केही बर्ष कुर अझै
समय त थपेकै हौ छैन झारो टारेको त |२|
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सहमती गरी सक्यौ फिर्ता हुन्छ कब्जा भए
फिर्ता गर्छौ भनेकै छौ छैन सर्त सारेको त |३|
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डाक्टर बैध एकै ठाँउ किन पार्टी बिमारी भो ?
पक्कै होला उपचार छैन सिमा बारेको त |४|
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एकै गाँस एकै बास सोंच रैछ भिन्ना भिन्नै
राज हुन्छ मुखियाको हुन्न भुरा भारेको त |५|
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जीतु खड्का (गाँउले )
मोरङ उर्लाबारी
हाल साउदी अरब
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